समकोण समद्विबाहु त्रिभुज के आकार के एक बन्द पाश $ABC$ में विधुत धारा प्रवाहित हो रही है। इसे किसी एकसमान $AB$ दिशा के अनुदिश चुम्बकीय क्षेत्र में रखा गया है। यदि भुजा $BC$ पर चुम्बकीय बल $\overrightarrow{ F }$ हो तब भुजा $AC$ पर बल होगा :

131-100

  • [AIPMT 2011]
  • A

    $ - \sqrt 2 \vec F$

  • B

    $-$ $\vec F$

  • C

    $\vec F$

  • D

    $\sqrt 2 \vec F$

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दो लम्बे, समान्तर, ताँबे के तारों में $5\, A$ की धारा विपरीत दिशाओं में बह रही है। यदि तार एक दूसरे से $0.5$ मीटर के अन्तराल पर स्थित है तब इनके बीच बल है

तीन लम्बे, सीधे एवं समान्तर धारावाही तारों को चित्रानुसार व्यवस्थित किया गया है। तार $C$ की $25\, cm$ लम्बाई पर कुल बल होगा

दो समान्तर एवं स्वतंत्र तारों में धारा विपरीत दिशा में प्रवाहित हो रही है, अत: वे

दो तार $1$ व $2$ एक दूसरे के साथ चित्रानुसार $\theta $ कोण पर झुके हुए हैं एवं इनमें क्रमश: ${i_1}$ व ${i_2}$ धारायें प्रवाहित हो रही हैं। तार $1$ से $r$ दूरी पर स्थित चालक $2$ के अल्पांश $dl$ पर लगने वाला बल (तार $1$ के चुम्बकीय क्षेत्र के कारण) है

  • [AIEEE 2002]

किसी निर्धारित स्थान पर पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र का क्षैतिज घटक $3.0 \times 10^{-5}\, T$ है, तथा इस क्षेत्र की दिशा भौगोलिक दक्षिण से भौगोलिक उत्तर की ओर है। किसी अत्यधिक लंबे सीधे चालक से $1\, A$ की अपरिवर्ती धारा प्रवाहित हो रही है। जब यह तार किसी क्षैतिज मेज पर रखा है तथा विध्यूत धारा के प्रवाह की दिशाएँ $(a)$ पूर्व से पश्चिम की ओर; $(b)$ दक्षिण से उत्तर की ओर हैं तो तार की प्रत्येक एकांक लंबाई पर बल कितना है?